सोमवार, 4 मार्च 2013

मोहन का स्टाईल...


चुनाव आते ही वैसे तो सभी नेताओं के कार्यो का लेखा जोखा चौक चौराहों पर चर्चा का विषय रहता है लेकिन लोक निर्माण मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की लीला ही निराली है । उनके स्टाईल का न केवल भाजपा बल्कि विपक्ष के कई नेता भी कायल है । और चुनाव आते ही बिरजू की बांसूरी के सुर और भी मधुर होने लगता है । तभी तो पिछले दिनों आर्शीवाद भवन में आयोजित एक सामाजिक कार्यक्रम में जब बृजमोहन अग्रवाल बगैर न्यौता के पहुंचे तो उनकी स्टाईल से समाज वाले गद्गद् हो गये । ये अलग बात है कि कुछ लोग यह कहते नहीं थक रहे हैं कि चुनाव आ गया है अब तो किसी को नहीं बुलाओं तब भी पहुंच जायेंगे । लोगों का क्या जितनी मुंह उतनी बात । अब मोहन का तो अपना स्टाईल है ।
अमर का डर...
लगता है प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल का ग्रह नक्षत्र ठीक नहीं चल रहा है तभी तो वे जब भी विदेश जाते हैं कोई न कोई बड़ा कांड हो जाता है और विधानसभा में जवाब देना मुश्किल हो जाता है ।
लगता है इस बार विधानसभा में नेत्र कांड की संभावित गुंज ने उन्हें भीतर तक हिला दिया है तभी तो वे बागबाहरा नेत्र कांड के दोषियों के खिलाफ आनन फानन में कार्रवाई कर दी जबकि अभी तक केन्द्रीय प्रयोगशाला से जांच रिपोर्ट नहीं आई है ।
पहले ही विभागीय अफसरों की करतूतों की वजह से अपनी किरकिरी करवा चुके अमर अग्रवाल के साथ दिक्कत यह है कि गर्भाशय कांड के खलनायक अभी भी मजे से प्रेक्टिस कर रहे है और लेन देन के खेल की वजह से ही उनके विभाग के घपलेबाजों के हौसले बुलंद है तो डर स्वाभाविक है ।
महुआ पर मेहरबानी...
महुआ मजूमदार इन दिनों प्रदेश भर में चर्चा का विषय है तो इसकी वजह उसकी कमजोर हिन्दी नहीं बल्कि सीएम हाऊस तक पहुंच है । तरह-तरह के इवेंट आर्गेनाइज करके सुर्खियों में रहने वाली शुभम शिक्षण संस्थान और उसकी कर्ताधर्ता महुआ मजुमदार के आगे अच्छे-अच्छे अफसर की बोलती बंद हो जाती है ।
यही वजह है कि यह महिला शराब बंदी आन्दोलन में भी प्रमुख किरदार निभाते दिखती है तो शराब परोसने वाली पार्टी के लिए भी इसे लाईसेंस मिल जाता है । कवर्धा में भी इसकी वजह से हंगामा मच चुका है ।
रमन का सच...
झालियायारी बलात्कार कांड में विपशी कांग्रेस के तेवर से भाजपा सकते में रही । इस घटना पर अजीत जोगी ने जिस अंदाज में मुख्यमंत्री रमन सिंह पर हमला किया उसका जवाब किसी के पास नहीं था । रामविचार नेताम जैसे दमदार मंत्री का भी गला भर आया लेकिन मुख्यमंत्री रमन सिंह राजनीति के मंजे खिलाड़ी की तरह अड़े रहे । विपक्ष ने जब मुख्यमंत्री के नहीं जाने पर सवाल उटाये तो डॉ. साहब ने कह दिया पीडि़त छात्राओं व उनके परिजनों से मिल चुका हूँ । अब मुख्यमंत्री ने कह दिया तो बात खतम । आखिर मुख्यमंत्री झूठ तो कहेंगे नहीं । दो माह बाद भी फास्ट ट्रेक अदालत में मामला नहीं गया है । सीएम साहब ने कह दिया कि फास्ट ट्रैक में सुनवाई होगी । अब विपक्ष तो कहेंगे ही लेकिन चुनावी साल में जिला बनाने का जश्र भी तो जरूरी है ।
धरम का अधर्म...
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के सबसे चहेते माने जाने वाले विधानसभा अध्यक्ष धरम लाल कौशिक इन दिनों परेशान है इसकी वजह विधानसभा सचिव देवेन्द्र वर्मा है । कहा जाता है कि देवेन्द्र के कारनामों के चलते कई अखबार वाले नाराज है यहां तक कि कांग्रेस ही नहीं सत्ता पंक्ष के कई विधायक व मंत्री भी इस मामले को लेकर शिकायत कर चूके है लेकिन कौशिक की दिक्कत यह है कि वे चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि देवेन्द्र वर्मा की ताकत के आगे वे बेबस है ऐसे में देवेन्द्र वर्मा का गुस्सा उन पर उतरने लगा है और चुनावी साल में यह गुस्सा कहीं भारी न पड़ जाये ।

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